चौमूं धार्मिक स्थल
चौमूं शहर में एक दिव्य आयोजन की शुरुआत हुई है, जो आध्यात्मिकता और भक्ति से भरा हुआ है। भगवान श्री लक्ष्मीनाथजी मंदिर में पांच दिनों तक चलने वाले इस झांकी महोत्सव में हर दिन भक्ति और संस्कृति की एक नई झलक देखने को मिलती है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि भक्तों को अध्यात्म की गहराइयों से भी जोड़ता है।

चौमूं का प्रसिद्ध मंदिर – भगवान श्री लक्ष्मीनाथजी मंदिर
राजस्थान के जयपुर ज़िले में बसा चौमूं एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर नगर है। इस शहर का सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय धार्मिक स्थल है भगवान श्री लक्ष्मीनाथजी का प्राचीन मंदिर, जिसे स्थानीय लोग गहरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजते हैं।
मंदिर सजा जैसे स्वर्ग का द्वार
इस खास आयोजन के लिए लक्ष्मीनाथजी मंदिर को बेहद खूबसूरती से सजाया गया है। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी, झिलमिलाते लाइट्स और मनमोहक फूलों से सजाया गया है, जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। हर कोना, हर दीवार फूलों और रोशनी की चमक में लिपटा हुआ है, जिससे पूरा परिसर दिव्यता से भर गया है। खासकर रात के समय, जब मंदिर रोशनी में जगमगाता है, तो यह दृश्य और भी मंत्रमुग्ध कर देने वाला हो जाता है।
भक्ति भाव से ओतप्रोत आरती और पूजा

सुबह और शाम को मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है। महाआरती के समय शंख, घंटी और भजन की मधुर ध्वनि भक्तों के मन में शांति और संतोष भर देती है। मंदिर के पुजारी, सांवरमल शर्मा और सतीश शर्मा, इस पूरे कार्यक्रम का विधिवत संचालन कर रहे हैं। भक्तजन बड़ी श्रद्धा के साथ इन पूजाओं में भाग ले रहे हैं और अपने इष्टदेव लक्ष्मीनाथजी से मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। 21 मई: बाबा बर्फानी
अमरनाथ गुफा दर्शन झांकी
21 मई की शाम को बाबा बर्फानी अमरनाथ की गुफा के दर्शन की झांकी सजाई गई। बर्फ के समान सफेद वस्त्रों, हिमालयी परिवेश और गुफा की अद्भुत सजावट ने सभी श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा का अनुभव कराया। यह झांकी खासतौर पर उन श्रद्धालुओं को भावविभोर कर गई जो अमरनाथ यात्रा पर नहीं जा पाते हैं।
23 मई: एकादशी का खास श्रृंगार
23 मई को एकादशी के पावन अवसर पर भगवान श्री लक्ष्मीनाथजी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इस दिन 5 क्विंटल मोगरे के फूल और वृंदावन से लाए गए खास फूलों से भगवान का भव्य श्रृंगार होगा। यह श्रृंगार अपनी सुगंध और सुंदरता से भक्तों का मन मोह लेगा। श्रद्धालु इस दिव्य श्रृंगार के साक्षी बनकर धन्य महसूस करेंगे।

24 मई: आमों से सजी भगवान बांके बिहारी की झांकी
24 मई को इस आयोजन का समापन भगवान बांके बिहारी की झांकी के साथ होगा। इस झांकी की खासियत यह है कि इसे आमों से सजाया जाएगा। आमों की बहार से झांकी को सजाने से यह न केवल देखने में खूबसूरत लगेगी, बल्कि गर्मी के मौसम में एक ताजगी का अनुभव भी देगी। यह झांकी भक्तों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बनेगी।
चौमूं मे समाज के प्रमुख लोगों की उपस्थिति और सहयोग
इस खास मौके पर चौमूं थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने अपनी पत्नी के साथ मंदिर जाकर विशेष पूजा-अर्चना की। उनके साथ स्थानीय पार्षद अशोक रछच्चौया, सुरेश विजयवर्गीय, करुणानिधि, अरविंद भातरा जैसे कई समाजसेवी और श्रद्धालु भी इस आयोजन में शामिल हुए। सभी ने इस आयोजन की जमकर तारीफ की और इसे चौमूं की धार्मिक परंपराओं का गौरव बताया।

निष्कर्ष: अध्यात्म, संस्कृति और भक्ति का संगम
भगवान श्री लक्ष्मीनाथजी मंदिर में आयोजित यह पांच दिवसीय झांकी कार्यक्रम सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भक्ति, संस्कृति और समाज के मेल का प्रतीक है। इससे समाज में एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा मिलता है। इस तरह के आयोजन स्थानीय धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहित करते हैं और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं।