जालोर हत्याकांड
राजस्थान के जालोर जिले के बागोड़ा गांव में एक हैरान कर देने वाले हत्याकांड का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। 25 मई को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी पर लटका मिला नरसाराम मेघवाल का शव दरअसल एक गहरी पारिवारिक साजिश और शक का नतीजा था, जिसमें उसके सगे भाई, भाभी और एक प्रेमी शामिल थे।

हत्या की गुत्थी जो बनी आत्महत्या की कहानी
जालोर हत्याकांड 25 मई को बागोड़ा गांव में जब नरसाराम का शव फंदे से लटका मिला, तो पहले तो यह आत्महत्या का मामला ही लगा। उसके सिर पर गहरे घाव थे, लेकिन उसके भाई दूदाराम ने इसे भावनात्मक तरीके से पेश करते हुए माफी देवी (नरसाराम की पत्नी) और उसके प्रेमी सांवलाराम पर आरोप लगा दिए। मामले को दबाने की कोशिश में 26 मई को शव को धार्मिक रीति-रिवाजों के तहत दफना भी दिया गया।
लेकिन 28 मई को कहानी ने एक नया मोड़ लिया जब माफी देवी ने पंचायत के सामने अपने कथित प्रेमी के साथ हत्या की बात स्वीकार कर ली। हालांकि, पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और 5 जून को शव को कब्र से निकालकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराया गया। रिपोर्ट और पूछताछ से जो सच्चाई सामने आई, उसने सबको चौंका दिया।
सगाई समारोह से शुरू हुआ शक,
जालोर हत्याकांड बदनामी के डर से बना हत्या का प्लान पूरे घटनाक्रम की जड़ 23 मई को आयोजित सगाई समारोह में हुई कहासुनी में छुपी थी। दूदाराम की दो पोतियों की सगाई के दौरान सुबह उसके और नरसाराम के बीच मामूली विवाद हुआ, लेकिन शाम को यह बहस तीखी हो गई। इसी दौरान माफी देवी ने गुस्से में दूदाराम की पत्नी कैली देवी और रणजीत सिंह के बीच संबंधों का ज़िक्र कर दिया। यह बयान परिवार और समाज के बीच दूदाराम और उसकी पत्नी के लिए बदनामी का कारण बन गया।
अपमान और सामाजिक शर्मिंदगी के डर से दूदाराम, उसकी पत्नी कैली देवी और कैली के प्रेमी रणजीत सिंह ने मिलकर नरसाराम और माफी देवी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

हत्या की रात: कुल्हाड़ी और लाठी से किया हमला,
फिर दी आत्महत्या की शक्ल 25 मई की रात लगभग 10 बजे, तीनों आरोपी नरसाराम के घर पहुंचे। उनके हाथ में कुल्हाड़ी और डंडे थे। नरसाराम और माफी देवी के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया ताकि वे कोई आवाज न कर सकें। इसके बाद, दूदाराम ने कुल्हाड़ी से नरसाराम के सिर पर वार किया, जबकि रणजीत सिंह ने लाठी से उसे पीट-पीटकर मार डाला। हत्या के बाद, शव को फांसी पर लटकाकर इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई।
हत्या के बाद, दूदाराम ने अपने बयान में माफी देवी और सांवलाराम को हत्या का दोषी ठहराने की कोशिश की, ताकि शक की उंगली उनसे हट सके।
पुलिस की बारीकी से जांच और तीनों की गिरफ्तारी
जालोर हत्याकांड बागोड़ा थानाधिकारी हुकमाराम और उनकी टीम ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मोबाइल कॉल डिटेल्स और घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाया। आखिरकार, 14 जून को तीनों आरोपियों – दूदाराम मेघवाल (35), उसकी पत्नी कैली देवी (34), और रणजीत सिंह (40) – को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान, तीनों ने अपने अपराध को स्वीकार किया और हत्या की पूरी साजिश का खुलासा किया। अब पुलिस हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार और घटना के बाद की गतिविधियों की भी जांच कर रही है।

समाज पर सवाल और सुरक्षा व्यवस्था पर चिंतन
यह मामला केवल एक पारिवारिक रंजिश का नहीं है, बल्कि उस सोच का प्रतीक है जहां शक, बदनामी और बदले की भावना इंसानियत को पीछे छोड़ देती है। पुलिस की समय पर की गई जांच और खुलासे ने न्याय की दिशा में एक कदम तो बढ़ा दिया, लेकिन यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है — कि कब अफवाह, अपमान और अविश्वास एक जीवन को निगल लें, यह कहना मुश्किल है।