Tuesday, July 8, 2025
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भोजलावा पुलिया निर्माण: जयपुर-सीकर हाईवे पर सुरक्षित और सुगम यात्रा की ओर एक बड़ा कदम

by Shubash Saini
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जयपुर-सीकर हाईवे, जो प्रदेश के दो प्रमुख शहरों को जोड़ता है,भोजलावा पुलिया निर्माण अब और भी सुरक्षित और सुगम बनने जा रहा है। हाईवे पर स्थित चौमूं क्षेत्र के पास भोजलावा कट पर पुलिया का निर्माण कार्य लगभग 90% पूरा हो चुका है। यह पुलिया न केवल यातायात की समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करेगी, बल्कि हादसों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी लाएगी। इस परियोजना के तहत कुल सात पुलियों, सर्विस रोड और ट्रेन सिस्टम के निर्माण के लिए 192 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है, जिसमें अकेले भोजलावा पुलिया पर 22 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

पुलिया निर्माण की पृष्ठभूमि

जयपुर-सीकर हाईवे पर चौमूं और उसके आस-पास के इलाकों में वर्षों से आवागमन में दिक्कतें और दुर्घटनाओं की समस्या बनी हुई थी। भोजलावा पुलिया निर्माण कट पर तो हालात इतने गंभीर थे कि लगभग हर दूसरे दिन कोई न कोई बड़ा हादसा हो जाता था। इस क्षेत्र से गुजरने वाले हजारों यात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए यह एक बड़ा खतरा बन गया था। इसी समस्या का समाधान करने के लिए वर्ष 2024 में पुलिया निर्माण कार्य की शुरुआत की गई।

90% निर्माण पूर्ण: जल्द होगी शुरुआत भोजलावा पुलिया

निर्माण कार्य की तेज़ गति ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समय पर पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ाया है। जुलाई 2025 तक पुलिया का बाकी काम पूरा कर, टेस्टिंग के बाद इसे आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इससे चौमूं शहर और आसपास के गांवों के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। पुलिया की कुल लंबाई 1200 मीटर है, जो इसे क्षेत्र की एक प्रमुख संरचना बनाती है।

सुरक्षित आवागमन और दुर्घटनाओं में कमी

भोजलावा पुलिया का निर्माण सड़क सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।भोजलावा पुलिया निर्माण यह पुलिया हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहनों और स्थानीय ट्रैफिक के बीच एक संतुलन स्थापित करेगी। जहां पहले नियमित रूप से दुर्घटनाएं होती थीं, अब वहां सुगम और सुरक्षित आवाजाही संभव हो सकेगी। दुर्घटनाओं की संभावना कम होने से लोगों का विश्वास बढ़ेगा और यात्री यात्रा के दौरान अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

कृषि और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

भोजलावा पुलिया निर्माण पुलिया न केवल यातायात के लिए, बल्कि स्थानीय कृषि और व्यापार को भी नया जीवन प्रदान करेगी। भोजलावा क्षेत्र के आसपास के गांवों — जैसे पीकर की मालियों की बागी, सेगड़ी की दागी, आमाल गीता की वाणी आदि — की कुल आबादी 30,000 से अधिक है। ये क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं और यहां से बड़ी मात्रा में सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद बाजार में भेजे जाते हैं।

अब जब पुलिया बनकर तैयार हो जाएगी, तो किसान अपनी फसलें आसानी से और सुरक्षित तरीके से मंडियों तक पहुंचा सकेंगे। इससे न केवल समय और ईंधन की बचत होगी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी कम होंगी। यह सीधे तौर पर किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा।

शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों को बेहतर पहुंच

भोजलावा पुलिया के आसपास 12 से अधिक शिक्षण संस्थान और 10 से ज्यादा अस्पताल हैं। इन जगहों पर आने-जाने वाले छात्रों, शिक्षकों, रोगियों और डॉक्टरों के लिए अब यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा। पहले, कई लोग दुर्घटनाओं के डर से इस क्षेत्र में जाने से कतराते थे, लेकिन पुलिया के चालू होने के बाद यह सब बदल जाएगा।

एक समग्र इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना

भोजलावा पुलिया सिर्फ एक परियोजना नहीं है। इसके अलावा, सात और स्थानों पर भी पुलिया, सर्विस रोड और ट्रेन सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी के लिए मिलाकर 192 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यह पूरी योजना राजस्थान में हाईवे नेटवर्क को आधुनिक, सुरक्षित और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्थानीय लोगों की भूमिका और संतोष

भोजलावा पुलिया निर्माण इस परियोजना की सफलता में स्थानीय प्रतिनिधियों और नागरिकों की भागीदारी का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर किए गए निरीक्षण और सुझावों ने कार्य की गति को बनाए रखने में मदद की है। स्थानीय लोगों में इस विकास कार्य को लेकर एक उत्साह है, और वे अब खुद को अधिक जुड़ा हुआ और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विकास की ओर बढ़ता राजस्थान

भोजलावा पुलिया निर्माण परियोजना सिर्फ एक आधारभूत ढांचे का विस्तार नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की नींव भी है। यह पुलिया लोगों के जीवन में सीधे तौर पर सकारात्मक परिवर्तन लाएगी — चाहे वह किसानों की आय हो, छात्रों की शिक्षा, मरीजों की स्वास्थ्य सेवा या यात्रियों की सुरक्षा। राजस्थान सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा किया गया यह कार्य न केवल वर्तमान को सुधार रहा है, बल्कि भविष्य को भी सुरक्षित बना रहा है।

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