जयपुर ग्रामीण पुलिस ने एक महत्वपूर्ण और सफल अभियान के तहत अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय अवैध हथियार तस्कर गिरोह के कुख्यात सरगना कुलदीप ठाकुर, जिसे बाबा और खरैया के नाम से भी जाना जाता है, को गिरफ्तार कर यह साबित कर दिया है कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता। इस कार्रवाई ने न केवल जयपुर, बल्कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में फैले अपराध नेटवर्क की नींव को हिला दिया है।

विशेष अभियान की रूपरेखा और पृष्ठभूमि
जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में अवैध हथियारों की तस्करी की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया। इस अभियान का नेतृत्व आईपीएस आनंद शर्मा, उपमहानिरीक्षक पुलिस, और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पिंडोलिया (RPS) कर रहे थे। इसमें डिस्ट्रीक्ट स्पेशल टीम (DST), साइबर सेल, और सभी थाना प्रभारियों को सक्रिय रूप से शामिल किया गया।

10 मई 2025 को थाना शाहपुरा पुलिस ने इस अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार तस्कर दीप सिंह शेखावत को गिरफ्तार किया, जिसके पास से तीन पिस्टल और सात मैगजीन बरामद की गईं। इसी मामले में मुख्य सरगना कुलदीप ठाकुर फरार हो गया, जो हरियाणा स्थित बाबा गैंग का कुख्यात सदस्य है। कुलदीप ठाकुर पर पहले से ही 25,000 रुपए का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ 18 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
तकनीकी सहायता और साइबर निगरानी से मिली सफलता
पुलिस को एक ठोस सूचना मिली कि कुलदीप ठाकुर शाहपुरा से फरार होकर पंजाब के मोहाली जिले के डेराबसी इलाके में छिपा हुआ है। जैसे ही यह जानकारी मिली, थाना शाहपुरा पुलिस, DST और साइबर सेल की एक संयुक्त टीम तुरंत कार्रवाई के लिए रवाना हुई। सटीक तकनीकी निगरानी, साइबर ट्रैकिंग और लोकेशन डेटा की मदद से पुलिस टीम ने न केवल उसके ठिकाने का पता लगाया, बल्कि उसे सफलतापूर्वक गिरफ्तार भी कर लिया।
गिरफ्तारी के समय बरामद हथियारों की जानकारी सामने आई है। कुलदीप ठाकुर के ठिकाने से भारी मात्रा में अवैध हथियार मिले हैं:
07 पिस्टल के साथ 12 मैगजीन 25 कारतूस (32 एमएम) 01 देशी कट्टा और 08 कारतूस (315 बोर) इसके अलावा,i20 कार, जिसका इस्तेमाल वह फरार होने के लिए कर रहा था, भी ज़ब्त कर ली गई है। इससे पहले, पहले गिरफ्तार किए गए दीप सिंह शेखावत से 03 पिस्टल और 07 मैगजीन पहले ही बरामद की जा चुकी थीं।

गिरफ्तारी की अहमियत और अपराधी का इतिहास
पूछताछ के दौरान कुलदीप ठाकुर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह हरियाणा के बाबा गैंग का सरगना है और अब तक पूरे देश से 100 से अधिक अवैध हथियार खरीद कर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सप्लाई कर चुका है। यह कार्य वह अपने सहयोगी दीप सिंह शेखावत के साथ मिलकर करता था। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें रंगदारी, अवैध हथियार तस्करी और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। उसके द्वारा अन्य अपराधियों को भी अवैध हथियार बेचने की जानकारी मिली है, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है।
इस अभियान में शामिल पुलिस अधिकारियों की सूची इस विशेष अभियान की सफलता में कई पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अहम भूमिका निभाई:
श्री हेमराज सिंह (निरीक्षक), थाना शाहपुरा श्री कमलेश (हेड कांस्टेबल – साइबर सेल) श्री मनोज कुमार, राकेश कुमार, कृष्ण, संदीप कुमार (DST) श्री रामसिंह, श्री दशरथ, श्री ताराचंद (कमांडो) विशेष भूमिका में: श्री कमलेश – साइबर सेल श्री मनोज कुमार – DST इन सभी पुलिसकर्मियों की सूझ-बूझ, साहस और टीमवर्क के चलते यह कार्रवाई संभव हो पाई।
गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण
नाम: कुलदीप ठाकुर, जिसे बाबा या खरैया के नाम से भी जाना जाता है
पिता का नाम: पवन सिंह
उम्र: 29 वर्ष
स्थायी निवासी: खडूना बास, थाना महेन्द्रगढ़, जिला महेन्द्रगढ़, हरियाणा
वर्तमान पता: वशाली रेजीडेंसी, नंदगांव धान्या, थाना बड़ायका, जिला जयपुर
अस्थायी निवास: डेराबसी, थाना लालडू, मोहाली, पंजाब

आगे की कार्रवाई और जांच
आगे की कार्रवाई और जांच के तहत फिलहाल कुलदीप ठाकुर से गहराई से पूछताछ की जा रही है। उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। यह संभव है कि यह गिरोह देशभर में फैले अवैध हथियारों के बाजार का एक बड़ा हिस्सा हो। पुलिस विभाग इस गिरोह के आर्थिक स्रोत, नेटवर्क कनेक्शन, डीलरों की जानकारी और आपूर्ति श्रृंखला की बारीकी से जांच कर रहा है। गिरफ्तार अभियुक्त के पूर्व सहयोगी दीप सिंह शेखावत को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है, और जरूरत पड़ने पर दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी।
पुलिस की तत्परता और जनता की सुरक्षा
जयपुर ग्रामीण पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत बनाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि चाहे अपराध कितना भी संगठित या बड़ा क्यों न हो, पुलिस उसकी जड़ तक पहुंचने में सक्षम है। इस कार्रवाई ने जयपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में अवैध हथियारों के खतरे को काफी हद तक कम कर दिया है।
निष्कर्ष
जयपुर ग्रामीण पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह साबित करता है कि राजस्थान पुलिस न केवल अपनी सीमाओं के भीतर, बल्कि अन्य राज्यों में भी छिपे हुए अपराधियों को पकड़ने में सक्षम है। कुलदीप ठाकुर जैसे अपराधियों की गिरफ्तारी से समाज में अपराध के खिलाफ एक मजबूत संदेश गया है।
पुलिस की यह कार्रवाई उनके निरंतर प्रयासों, तकनीकी कौशल और सटीक रणनीति का परिणाम है। उम्मीद है कि भविष्य में भी इस तरह के अभियानों के जरिए समाज में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाएगा।
