चौमूं में “प्रतिभा को सलाम” कार्यक्रम में मेधावी छात्रों का भव्य सम्मान, शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प जयपुर जिले के चौमूं क्षेत्र में रविवार को एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कार्यक्रम “प्रतिभा को सलाम” का आयोजन हुआ, जिसने शिक्षा और छात्रों के प्रति समाज की जिम्मेदारी और सम्मान को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। इस कार्यक्रम का आयोजन शिवाजी करियर इंस्टीट्यूट आयोजन स्थल था – जय विलास गार्डन, जो इस यादगार दिन के लिए प्रेरणा, सम्मान और उत्सव का केंद्र बन गया।

कार्यक्रम की शुरुआत
चौमूं में “प्रतिभा को सलाम” शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य का संकल्पमां सरस्वती की वंदना से हुई, जो भारत की विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। यह पूजा चौमूं के पूर्व विधायक रामलाल शर्मा की उपस्थिति में बड़े धूमधाम से सम्पन्न हुई। इस आध्यात्मिक आरंभ ने पूरे माहौल में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार कर दिया।

मंच पर मौजूद रहे प्रबुद्ध और प्रेरणादायी हस्तियाँ
चौमूं में “प्रतिभा को सलाम” इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ मंच पर चौमूं के पूर्व विधायक रामलाल शर्मा, प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर हर्षवर्धन जैन, और चौमूं थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा भी मौजूद थे। इन सभी महानुभावों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।

80% से अधिक अंक लाने वाले छात्र हुए सम्मानित
शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा 10वीं और 12वीं कक्षा में 80 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का सम्मान। इन छात्रों को मुख्य अतिथि वासुदेव देवनानी और अन्य अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह, मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कुल मिलाकर सैकड़ों छात्रों को इस गौरवपूर्ण अवसर पर सम्मानित किया गया।

देवनानी ने साझा की प्रेरणादायी बातें
अपने उद्बोधन में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा, >शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प
“सफलता हासिल करने के लिए सबसे पहला कदम है – लक्ष्य निर्धारित करना। जब तक आपका लक्ष्य स्पष्ट नहीं होगा, तब तक आपको सही दिशा नहीं मिलेगी।”
उन्होंने छात्रों को अपने गुरुओं और माता-पिता का सम्मान करने की सलाह दी।चौमूं में “प्रतिभा को सलाम” शिक्षा को उन्होंने राष्ट्र निर्माण की कुंजी बताया और भारत की आर्थिक प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि
2014 में, भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें स्थान पर थी, और आज यह चौथे स्थान पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प ले रहे हैं।

हर्षवर्धन जैन ने जीवन दर्शन की एक अनमोल सीख साझा की
प्रसिद्ध प्रेरणादायक वक्ता हर्षवर्धन जैन ने छात्रों के साथ एक खुला संवाद करते हुए कहा – >
“असफलता कोई अंत नहीं है, बल्कि यह एक सीख है। अगर आप असफलता से डरना बंद कर दें, तो सफलता खुद आपके पीछे आएगी।”
उन्होंने सकारात्मक सोच, अनुशासन और नियमित मेहनत को सफलता की कुंजी बताया। उनकी बातें न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी बेहद प्रेरणादायक रही।

रामलाल शर्मा ने आयोजन की सराहना की।
पूर्व विधायक रामलाल शर्मा ने अपने भाषण में शिवाजी करियर इंस्टीट्यूट की तारीफ करते हुए कहा – >
“‘प्रतिभा को सलाम’ जैसे आयोजनों से छात्रों को न केवल पहचान मिलती है, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ता है। यह मंच नवोदित प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस आयोजन में सिर्फ छात्र ही नहीं, बल्कि स्थानीय नागरिक, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-छात्राओं के परिजन भी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिससे यह साफ हो गया कि समाज शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देता है।

शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य की नींव
कार्यक्रम का समापन एक स्पष्ट संदेश के साथ हुआ – >
“शिक्षा ही सशक्त भारत की नींव है और इस नींव को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी समाज के हर व्यक्ति की है।”
कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों की आँखों में आत्मविश्वास की चमक और अभिभावकों के चेहरों पर गर्व का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था। मंच से मिले सम्मान ने इन छात्रों के जीवन में नया जोश भर दिया।

निष्कर्ष
“प्रतिभा को सलाम” कार्यक्रम ने यह प्रमाणित कर दिया कि जब समाज, शिक्षा संस्थाएं, मीडिया और प्रशासन एक साथ आते हैं, तो न केवल छात्र गौरवान्वित होते हैं, बल्कि पूरा क्षेत्र गौरव का अनुभव करता है। यह कार्यक्रम एक प्रेरणा बनकर उभरा, जो आने वाले वर्षों में और भी अधिक जोश और समर्पण के साथ मनाया जाएगा।

यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन गया – कि प्रतिभा को केवल नंबरों से नहीं, पहचान और प्रोत्साहन से सलाम किया जाता है।