चौमूं, जयपुर (17 मई 2025) – आज सुबह चौमूं क्षेत्र में हुई एक दुर्घटना ने फिर से स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। TCI इंस्टीट्यूट स्कूल की एक बस और एक तेज़ रफ्तार जीप में आमने-सामने की टक्कर हो गई, जिससे कई छात्र घायल हो गए। यह दुर्घटना न केवल एक ट्रैफिक हादसा थी, बल्कि प्रशासनिक और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा भी साबित हुई।
दुर्घटना का दृश्य भयावह था
गवाहों के अनुसार, यह हादसा इतनी तेज़ी से हुआ कि बस और जीप के सामने के हिस्से को गंभीर नुकसान पहुँचा। बस में लगभग 30 से ज्यादा छात्र सवार थे, जो विद्यालय की ओर जा रहे थे। इस टक्कर में जीप का ड्राइवर और उसके पास बैठे एक अन्य व्यक्ति को गहरी चोटें आईं। उन्हें कांवटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी सहायता के लिए 108 एंबुलेंस का उपयोग किया गया।

वहीं, बस के अंदर की एक छात्रा और चार-पांच अन्य छात्र हल्की-फुल्की चोटें झेलीं। हालांकि किसी की मृत्यु नहीं हुई, फिर भी यह दुर्घटना बड़ी अनहोनी में बदल सकती थी।
चालक की लापरवाही
चौमूं एसीपी अशोक चौहान ने मौके पर पहुंचकर दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और प्राथमिक जांच में पाया कि बस चालक तेज़ गति में था और उसने गलत तरीके से ओवरटेक करने की कोशिश की
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि दुर्घटना के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। यह चाल दर्शाती है कि चालक न केवल लापरवाह था, बल्कि उसके पास शायद आवश्यक दस्तावेज या अनुभव भी नहीं था।

बस की रजिस्ट्रेशन जानकारी से खुला बड़ा राज
जब बस की जांच की गई, तो सामने आया कि बस किसी अन्य स्कूल के नाम पर पंजीकृत थी, जबकि उसमें TCI इंस्टीट्यूट स्कूल के छात्र बैठे थे। यह गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है। स्कूल प्रबंधन आखिर कैसे एक अनाधिकृत बस का उपयोग कर बच्चों को स्कूल ला रहा था? क्या इस बस का बीमा था? क्या इसका फिटनेस सर्टिफिकेट वैध था? यह सभी प्रश्न अब प्रशासन और स्कूल पर उठ रहे हैं।
TCI स्कूल का नाम पहले भी दुर्घटना से जुड़ चुका है
यह पहली बार नहीं कि TCI स्कूल का नाम दुर्घटना के साथ जुड़ा हुआ है। करीब 3 महीने पहले इसी स्कूल की छात्रा कोमल देवंदा की बस दुर्घटना में डेथ हो गई थी। उस समय भी बस की हालत खराब और चालक अनुभवहीन बताया गया था।

किन्तु इतने बड़े हादसे के बाद भी स्कूल प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया, जिससे आज फिर बच्चे दुर्घटनाओ का शिकार हुए।
अभिभावकों का गुस्सा और स्कूल में अफरा-तफरी
हादसे की जानकारी मिलते ही बच्चों के माता-पिता स्कूल चले गए। स्कूल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। अभिभावकों की बात है कि स्कूल ने तुरंत सही जानकारी नहीं दी, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई। हमने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजा था, न कि दुर्घटना में झोंकने के लिए,” एक गुस्से में आए अभिभावक ने कहा
प्रशासन और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
इस प्रकार की दुर्घटनाएं केवल स्कूल या चालक की गलती से नहीं होतीं, बल्कि शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग की सुस्ती भी इसमें बराबर की भागीदार होती है।क्या बसों की समय-समय पर जांच हो रही है?क्या स्कूल बसों के चालकों के दस्तावेज जांचे जाते हैं? क्या स्कूलों द्वारा उपयोग की जाने वाली ट्रांसपोर्ट सेवाओं को प्रमाणित किया जाता है?इन सभी सवालों के जवाब नदारद हैं। यही कारण है कि एक के बाद एक दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।

दुर्घटना के बाद क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
TCI स्कूल के खिलाफ प्रशासनिक जांच शुरू की जाए।
बस चालक की पहचान कर उसके खिलाफ FIR दर्ज हो।
स्कूल बसों की रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और बीमा की जांच हो।
हर स्कूल बस में GPS ट्रैकिंग और कैमरे आवश्यक करें।
स्कूल प्रशासन को अभिभावकों के साथ पारदर्शी व्यापार की नीति अपनानी चाहिए।
निष्कर्ष: अब और नहीं
हर दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं होती, बल्कि वह एक चेतावनी होती है। TCI स्कूल को यह समझना होगा कि बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।
अब समय है कि प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और समाज मिलकर ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं। वरना अगली दुर्घटना किसी मासूम की ज़िंदगी को छीन सकती है।